जिंदगी इश्क़ बन रंगीन हुई..!!
जिंदगी इश्क़ बन रंगीन हुई..!!
कुछ मुलाकात होने से
पहले ही खत्म हो जाती
उम्मीदी के आलम में
अक्सर अनकहे ख़्वाब
एकबारगी बेतहाशा..
चुप्पी कर
मन को तोड़ जाती हैं..........
एक अरसे इंतज़ार के बाद
बेबुनियादी एह्सास के साथ
बिन मौसम के बारिश से
मिल कर यूँ भी
अश्रु धार बन के
एक बूंद इश्क़ से मिल...
बेपरवाह के अंदाज़ में
मन को बहुत दूर
समझा जाती है…..
सिलसिला ज़िंदगी का
हर बार की तरह चला
लेकिन जाने क्यों खुद से
शिकायत बेपनाह कर
आईने से सवाल किया..
तुझे तो इश्क़ हैं
तू बस इश्क़ कर
हर उम्मीद की
दहलीज पर
खुद के आस को
अपना तय कर
सफ़र हैं मुश्किल पर
चलना तुझे हैं नंदिता
तू ही इश्क़ है
खुद से वफ़ा कर बस
खुद से निभा के चल…
कि इश्क़ के बदले इश्क़ हो, ऐसी कोई
कभी किसी से मेरे इश्क़ की शर्त नही..
हे रब! इश्क़,मेरा तो जिंदगी इश्क़ बन रंगीन हुई..!!
#मेरी_रुह©

