मेरा अपना
मेरा अपना
गैरों के हिफाजत के खातिर
वो जान गँवाया करते हैं।
हम उनकी सलामत के बावत
पथ फूल बिछाया करते हैं।
कहीं नजर जमाने की न लगे
आंखों में बसाया करते हैं।
ओ सुने या सुनकर भी न सुने
पर दिल की सुनाया करते हैं।
कहते है समय बलशाली है
सो वक्त न जाया करते हैं।
लिखकर के नाम ज़मी पर हम
निज भाल नवाया करते हैं
संकट के घने घन छाने पर
नहीं वो घबराया करते हैं।
सांसे थमने को विवश करें
तब भी मुस्काया करते हैं।
कुछ यादें है कुछ सपने हैं
हम उनसे बताया करते हैं।
नम हो जाती है आँखें कभी
जब याद वो आया करते हैं।