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Ram Chandar Azad

Tragedy Inspirational

4.5  

Ram Chandar Azad

Tragedy Inspirational

मनचली

मनचली

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छोड़कर वो चली,तो चली ही गयी।
 रिश्ते नाते धरे के धरे रह गए।।

 जन्म की संगिनी मौत के संग वह।
आज रिश्ते निभाने अकेली चली।।
मौत ने अब तलक साथ उसका दिया।
आज वह मौत का साथ देने चली।।

 सारे संसार को अलविदा कह चली।
रिश्ते नाते धरे के धरे रह गए।।

 मोह के फाँस में अब तलक थी फँसी।
प्यार की डोर ने उसको बाँधे रखा।।
कोई अपना लगा व पराया कोई।
 लोभ औ प्यार ने उसको बाँधे रखा।।

 छोड़कर आज वह चल पड़ी मनचली,
रिश्ते नाते धरे के धरे रह गए।।

 इक नज़र भी न देखी चली ही गयी।।
लोग रोते, तड़पते, बिलखते रहे।
जिंदगी में बसाया था दिल में जिसे।
पास से अब तो वो भी खिसकते रहे।।

 मोह, माया कोई काम आया नहीं।
रिश्ते नाते धरे के धरे रह गए।।  


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