मुरादों वाली रात
मुरादों वाली रात
कभी मैंने उनका इंतजार किया,
तो कभी-कभी पूरी रात मैं रोई !
अश्कों से दामन मेरा भीगता रहा,
इस टूटे दिल की नहीं हुई तुरपाई !
उनका कुछ ऐसा ही रहा मुझ पर,
असर उस पहले इश्क़ का कि...
लिखी ना गई उनके जाने के बाद
मेरे इस दिल पर तहरीर कोई !
ना फिर कभी वैसी सुकून वाली,
खूबसूरत मुरादों वाली रात आई !
और तो और ना फिर कभी मेरी ये...
बेचैन आँखें पूरी नींद ही सो पाई !