भौंकती राजनीति
भौंकती राजनीति
कहावत है कि जो कुत्ते भौंकते हैं वो काटते नहीं,
हमारे देश की लोकतंत्र राजनीति के भी हालात हैं यही,
चुनाव के दौरान मोर्चा व महा रैलिया आयोजित होती,
जहाँ झूठे वादों और संवादो की भरपूर भाषणबाजी होती,
मीडिया माई-बाप और पैसों से भीड़ जुटाई जाती,
मीडिया द्वारा नेताओं के वादों की तारीफ़े होती,
बिक गया मीडिया इस वजह से राजनीती चरमराई,
जिससे बदनाम होते अच्छा काम कर रहे नेता भी,
पर यही होता हैं जब बिना समझें मतदान करते सभी,
उद्घोषणाएं करने वाले साम दाम दंड भेद वापरते सभी,
इसलिए जाँच करें इन भोंकने वालो वक्ताओं की पृष्ठभूमि,
बोलने की आजादी हैं तो सही ही हो ये जरुरी नहीं।।
