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V. Aaradhyaa

Tragedy

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V. Aaradhyaa

Tragedy

अब करनी होगी भरपाई

अब करनी होगी भरपाई

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आज ज़ब मैंने आईना देखा तो ,

आईने वाली लड़की थोड़ा मुस्कुराई !


अरसे से अंतर्मन में चल रहे अंतर्द्वंद्व के ,

 तह में जाकर मैंने खुद से ही की थी लड़ाई !


मन में उठते अनगिनत सवालों को लेकर ,

खुद को ही आज मैं एक कटघरे में ले आई !


उस शख्स की बेवफाई के ज़ख़्म के दर्द से ,

खुद को बारहा , जो दर्द मे तड़पता हुआ पाई !


एक उसके ज़िक्र से दिल बेतहाशा रोता था ,

ज़ब कभी अकेले बैठती और होती थी तन्हाई !


सच कहूँ तो मुश्किल बहुत हुई उसे भुलाने में ,

पर किसी तरह खुद को उससे जुदा क़र पाई !


एक बेलौस इंसान से दिल लगाने की ये सज़ा ,

और ना जाने कितने साल करनी होगी भरपाई !


जानती हूँ , अंदर है पसरा हुआ नीम अंधेरा ,

फिर भी दिल के मुहाने पर एक दीप बाल आई!


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