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Kishan Negi

Romance Tragedy

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Kishan Negi

Romance Tragedy

क्या यही प्यार है (लालरंग)

क्या यही प्यार है (लालरंग)

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हर रात जब सोने जाता हूं 

तो मेरे नयन बंद होने पर एतराज दर्ज कराते हैं 

और मैं पहले की तरह हर बार 

उस विरोध को निपटने का हर प्रयास करता हूं


तुम्हारे दूषित ख्यालात मेरे मन को कचोटते हैं 

अनगिनत सवालों के जवाब आज भी तलाश रहा हूं

याद करो तुमने ही तो कहा था कि 

तुम सिर्फ मुझसे प्यार करती हो, सिर्फ़ मुझसे 


लेकिन वह बार-बार दोहराया जाने वाला झूठ था, मेरा भ्रम था 

मालूम है कि तुम कभी जान भी नहीं पाओगी कि 

मैं अंदर से कितना आहत हूं 

कितना बिखर चुका हूं कांच के टुकड़ों की तरह

 

जितना प्यार दिया मैंने तुमको शायद काफी न था

सोचता हूं कितनी खुशी मिली होगी तुमको 

जब दिल तोड़कर मुझसे दूर चली गई 

मेरे कांच के एहसासों को तोड़कर


फिर मुझे दर्द में तड़पता देख कर 

क्या तुम स्वयं को सशक्त पाती हो? 

स्वयं को पहले से अधिक मजबूत महसूस करती हो?


मानो या ना मानो इतना हक तो कि मैं भी जानूं 

मैंने तुम्हारे साथ ऐसा क्या किया जो इतना गलत था

मेरी खुशियां, मेरे अरमान, मेरी आकांक्षाए, मेरी आत्मा 

सब कुछ तो छिन्न-भिन्न कर दिए तुमने 


अब मेरी वीरान जिन्दगी में केवल एक सुराख़ ही तो शेष है 

जो खालीपन और अंधेरे से भरा हुआ है 

यह दुनिया अब मेरे लिए एक शून्य के सिवा कुछ भी नहीं 

जिसकी रिक्तता को शायद तुम भी कभी भर ना सको।



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