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Ram Chandar Azad

Inspirational

4  

Ram Chandar Azad

Inspirational

शाने तिरंगा

शाने तिरंगा

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कवित्त-1.

घर घर फहरेगा अपना तिरंगा जब,

    जन जन में खुशी की धूम मच जाएगी।।

रोम रोम में उमंग देखी के तिरंगा रंग,

    देश - प्रेम की तरंग मन लहरायेगी।।

कहत आज़ाद कवि तिरंगे की ऐसी छवि,

    देश में अखंडता की अलख जगाएगी।।

घर घर में तिरंगा लहराए प्रेम गंगा,

    जिसकी छटा तो जन जन को लुभाएगी ।।


कवित्त-2.

यहां भी तिरंगा झूमे, वहां भी तिरंगा झूमे।

   गली-गली, गांव में तिरंगा ही तिरंगा है।।

देशप्रेम की झलक जन जन दिख रही,

   सर्व जन हाथ में तिरंगा ही तिरंगा है।।

अब तो आज़ाद घर घर पे तिरंगा दिखे,

   आज़ादी का उत्सव तिरंगा ही तिरंगा है।।

जय घोष जन जन मन मन गूँजी रहे,

   मानो सारी प्रकृति तिरंगा ही तिरंगा है।।


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