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Anjneet Nijjar

Romance

4.5  

Anjneet Nijjar

Romance

तुम आना

तुम आना

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एक बात और,

जो कहनी है तुम से,

तुम आना मेरे पास,

पर इसलिए मत आना कि मजबूरी है,

तुम आना,

क्यूँकि तुम आना चाहते हो।

सोचना मत कोई बहाना,

कि रस्ते में पड़ गयी उफनती नदी,

या उमड़ पड़ा तूफ़ान कोई,

गिर गये सारे पेड़ राह के,

या फिर हो गयी पत्थरों की बरसात कहीं,

मैं मान नही पाऊँगी,

गर यह सच भी हो,

तुम आना,

क्यूँकि तुम आना चाहते हो।

तुम्हारा चाहना ही काफ़ी है,

किसी बहाने से,

मैं सुनूँगी हर सच,

जो तुम बताना चाहते हो,

पर तुम आना

क्यूँकि तुम आना चाहते हो।



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