मेरे बारे में......
मेरे बारे में......
बस यूं ही मैंने सोचा, चलो बता दूं अपने बारे में.....
ज़रा आहिस्ता से क़रीब आना,
मैं चालाकियों में थोड़ी कच्ची हूं।
मैं भावनाओं से सधी बच्ची हूं।।
नहीं आता मुझे छिपाना कुछ भी....
तुम मेरी आंखों से,
मेरी आत्मा की गहराई माप सकते हो।
तुम मेरे कोमल मन पर लगे,
गहरे घावों की तह दर तह नाप सकते हो।।
तुम देख सकते हो,
मेरे मन में, अब भी है प्रेम पाने की चाह....
और किसी को प्रेम देने की चाह.....
तुम देख सकते हो,
मेरे सजल नैनों में बने हमारे घर की नींव
और अपना एक खुशहाल घर।
और अंत में तुम,
देख सकते हो.....
मुझमें खुद को
बिलकुल वैसे ही,
जैसे, तुमने चाह की होगी किसी को चाहने की ।।
