व्यापार ?
व्यापार ?
प्रेम होता है रूप से
प्रेम होता है रँग से
मूल्यवान आभूषण से
प्रेम होता है यौवन से
पद प्रतिष्ठा की युक्ति से
प्रेम होता है शक्ति से
नगर में भूखण्ड से
प्रेम होता है वैभव से
सफलता के साधन से
लम्बे चौड़े वाहन से
बहुमंजिला मकान से
तन दर्शाते परिधान से
प्रेम होता है धन से
प्रेम होता है सुडौल तन से !!
बस प्रेम ही से नहीं होता प्रेम
अक्सर खेल ही होता रहता है
प्रेम अभिपूर्ण प्रेममयी मन से !!
नैनों के काजल से
केशों के बादल से
सुर्ख लबों की लाली से
चूड़ी, कंगन, बिंदिया, पायल से
झुमकों से, कण्ठहार से
बस नहीं होता इन्सान से !!
