कच्ची कॉपी...
कच्ची कॉपी...
कुछ व्यक्तित्व होते हैं
कच्ची कॉपी जैसे,
जिनके मैले पृष्ठों में समाया रहता है
असीम, बहु-उद्देशीय, बहुआयामी ज्ञान ।
जो नहीं रोकते कभी
किसी को गलतियाँ करने से,
जो हममें जगाते हैं यह विश्वास
कि ढूँढ ही लिया जाएगा समाधान
हर अप्रत्याशित, अनसुलझी समस्या का ।
उनमें कहीं नहीं दिखाई देता
औपचारिक-अनौपचारिक व्यवहार
बनावटी सौंदर्य प्रतिस्पर्धा का ।
इनकी वास्तविकता ही तो
इनका आकर्षण होती है ।
जिनकी उपयोगिता भी सदा
अनुपयोगी ही मान ली जाती है,
तूड़े मुड़े मुख्य पृष्ठ पर कभी
ये नहीं लगाते मिथ्या आवरण ।
बस संजोये रखते है एक अन्तिम पृष्ठ
ज्ञान से परे,
भावनाओं से सुसज्जित,
जीवन से परिपूर्ण ।।