झूठ पर अड़ा सत्य कोई हल नहीं था झूठ पर अड़ा सत्य कोई हल नहीं था
मानव ऊपर से कुछ और अंदर से कुछ और होता है ! मानव ऊपर से कुछ और अंदर से कुछ और होता है !
आहे! री ज़िंदगी तेरी माया, मोह में तूने मनुष्यों को फँसाया, समझ ना पाया कोई तेरी काया, अचानक से हँसा... आहे! री ज़िंदगी तेरी माया, मोह में तूने मनुष्यों को फँसाया, समझ ना पाया कोई तेरी...
मरे हुए लोग बस अपने आप में घुटते रहते हैं मरे हुए लोग बस अपने आप में घुटते रहते हैं
भविष्य उनका सच्चा है , जो सपनों की सुन्दरता में। भविष्य उनका सच्चा है , जो सपनों की सुन्दरता में।
द्वंद हो रहा है और युद्ध चल रहा है सपन जाग उठा यथार्थ सो रहा है। द्वंद हो रहा है और युद्ध चल रहा है सपन जाग उठा यथार्थ सो रहा है।