परिवर्तन
परिवर्तन
मनुष्य
अपने स्वार्थ की
पूर्ति के लिए
न जाने क्यूँ
अनेक मुखौटे लगा लेता है !
लेकिन
इस परिवर्तन के बाद भी
क्या वह
वास्तविकता को
छू पाता है !
नहीं !
ऐसा नहीं है,
यह सिर्फ,
कल्पना और---
मिथ्याभ्रम होता है !
पर आज
फैशन है
दोहरा जीवन जीना
मानव ऊपर से कुछ और
अंदर से कुछ और होता है !
