तुम्हारी बेरुख़ी तुम्हारी बेरुख़ी
दो कदम की दूरी को तूने एक फ़ासला समझा मेरे बढ़ते हाथ को तूने एक सपना समझा दो कदम की दूरी को तूने एक फ़ासला समझा मेरे बढ़ते हाथ को तूने एक सपना समझा
मेरे रूठ जाने पर आखरी वक्त तक मुझ को मनाना बच्चों के जैसे हरकतें करके मुझको हंसाना। मेरे रूठ जाने पर आखरी वक्त तक मुझ को मनाना बच्चों के जैसे हरकतें करके मुझको ह...
भले ही वो मुझको भुला बैठे ज़ानिब उसकी यादें अब मेरे दिल को तसल्ली देती है। भले ही वो मुझको भुला बैठे ज़ानिब उसकी यादें अब मेरे दिल को तसल्ली देती है।
फिर भी मिली बेरुखी और तन्हाई क्या इसमें में भी गलती मेरी रही लाख गहरा हो सागर सही पर मेरे मन की ध... फिर भी मिली बेरुखी और तन्हाई क्या इसमें में भी गलती मेरी रही लाख गहरा हो सागर ...
भाग्य का निर्माण खुद से किया जाए, असफलता को सफलता में बदला जाए ! भाग्य का निर्माण खुद से किया जाए, असफलता को सफलता में बदला जाए !