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Shiva ji Soni

Romance

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Shiva ji Soni

Romance

सच्ची आशिकी

सच्ची आशिकी

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मासूम सा चेहरा है उनका,

और है उनके चेहरे पे सादगी।

उनको और भी खूबसूरत बनाती है

उनकी यह सच्ची आशिकी।


जब वह गुजरती है मेरे पास से होकर

तो एक तड़प दिल में होती है।

दिल को मैं लाख समझा लू

पर यारों कहां चली है, दिल के आगे किसी की

उनकी यह सच्ची आशिकी।


अगर हो जाए थोड़ी सी तकलीफ मुझको

तो भीग जाती है उनकी पलकें

और उनके चेहरे पर फैल जाती है बेरुखी।

उनकी यह सच्ची आशिकी।


मेरे रूठ जाने पर आखरी वक्त तक मुझ को मनाना

बच्चों के जैसे हरकतें करके मुझको हंसाना।

बढ़ा जाती है मेरी भी दीवानगी

उनकी यह सच्ची आशिकी।


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