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Shiva ji Soni

Children Stories Classics Children

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Shiva ji Soni

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बचपन

बचपन

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जब बचपन था तो जवानी की दुआ करते थे

नई हवाओं के रवानी की दुआ करते थे


छूट जाएंगे मां-बाप की कैद से

आजाद जिंदगी की जिंदगानी की दुआ करते थे


लेकिन जब आई जवानी तो मुसीबतों ने घेर लिया

अब फिर से बचपन की नादानी की दुआ करते हैं


सोचते थे आजाद हो जाएंगे मां-बाप के कैद से

लेकिन यह क्या उनसे अलग होकर अब आंसू ही बहा करते हैं


लेकिन एक चीज सीख ली सोचते सोचते कि

मां-बाप के पास ही जन्नत के नजारे रहा करते थे।


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