मां की ममता
मां की ममता
मां की ममता वो याद करती रही,
वह मेरी बच्ची, सारी रात रोती रही,
कभी स्वादिष्ठ खाने को याद करती रही,
कभी मां समझ तकिया बाहों में भरती रही,
वह मेरी बच्ची, सारी रात रोती रही.....
पढने में ना लगे मन,
तो मम्मी कैसे पढाती
याद कर कर के वह
रह रह कर रोने लग रही....
हर पल याद आये मां की ममता,
बाहों में लेले, सोजा बेटा ये कोन कहे,
आने वाली है स्कूल से आते ही खाना
मांगे किस से...
चोटी पास बैठा कर बना दे,
साथ साथ खाना खिला दे, सोच सोच कर
वह मेरी बच्ची, सारी रात रोती रही....

