STORYMIRROR

Praveen Kumar Saini "Shiv"

Romance

4  

Praveen Kumar Saini "Shiv"

Romance

तेरा हुआ

तेरा हुआ

1 min
323

जिंदगी की भागदौड़ में 

जाने कब कैसे क्या हुआ 

कल तक था अजनबी सा

आज वही सब से खास हुआ 

खोने का दुःख चल रहा था 

तू तो पास ही था यह कैसे हुआ 

तुम से बढकर ना प्यारा कोई 

अब यह चर्चा खुलेआम हुआ 

मेरे बेजान शरीर में तुमने जान 

जान भर दी, बहुत अजीब हुआ 

जिंदा थे पर जिंदगी खोई हुई थी 

तेरे आने से जन्म फिर से मेरा हुआ 

रुकना नहीं, झुकना नहीं पीछे ना 

पलट जाना, तेरा शिव फिर तेरा हुआ 

बाहों में भर लो, मुझे प्रेम कर लो 

यह शिव तेरा हमसफर हुआ ।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance