Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Rahul S. Chandel

Romance

4  

Rahul S. Chandel

Romance

बस ये बात ज़रूरी है- २

बस ये बात ज़रूरी है- २

2 mins
264


सब कुछ अपने बारे में बताना है,

अभी बहुत कुछ है जो समझाना है।

मैं अपने से शुरू करता हूं तू अपनी बताना,

हां कुछ बुरा लगे तो रूठ ना जाना,

कुछ ऐसे, सफर की शुरुआत जरूरी है।


तुम्हे नीद तो नहीं आ रही है,

नहीं अभी नहीं, लेकिन सुबह जगना है।

अभी तो पापा को खाना लगा दूं रुको,

अच्छा सारे काम कर लो और जल्दी आना।

इंतजार तो था, पर सपनों भारी वो रात जरूरी है।


बोले तुम आज भी नहीं बदले,

जबकि ये इंतजार एक हफ्ते का था।

कौन बताता बदलाव सालो लेता है,

पर अच्छी लगती है ये बात भी अब,

ज्यादा तो नहीं, होता रहे थोड़ा इंतेज़ार जरूरी है।


उम्मीद नहीं दीवारों पर लिखने की,

चाहत नहीं सितारों पर बसने की।

मेरा नाम तुम आपने दिल में रखना,

देखना अमर रहेगा ये नाम जमाने में।

देर सही, मिशाल के लिए तो नाम जरूरी है।


माना कि सफर कठिन है जिंदगी का, 

किसी का साथ जरूरी है।

चलता रहे ये सफर यूंही,

बस ये बात जरूरी है।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance