तुम्हारे वादे
तुम्हारे वादे
बहुत नजाकत से,मिट रहे है..
तुम्हारे सपने,ख्वाब ??
तुम्हारे वादे..
दस्तावेज बातो के,मुलाकातों के,मेरे पास नहीं ??
साथ हैं बस,वो सपने,अधूरे आधे..
बहुत खामोशी से,बुने थे हमने..
किस्से,अपने हिस्से के..
कोई आहट सी,किसी झरोखे से आई,किसी नए
नए अपने की,और बदल गए,तुम्हारे विचार,सीधे साधे..
बहुत यादों के,महल बने है..
पर आशियाने,हमारे नहीं,उस चिड़िया की तरह,
वक़्त की,बारिश में,शामियाने हमारे भी ढहे है..
जिन्हे कभी,तुमने ही,बनाए थे ??
दिखाए थे,वादे - इरादे..
बहुत नजाकत से,मिट रहे है..
तुम्हारे सपने,ख्वाब ??तुम्हारे वादे..