रूठ जाती है जो, छोटी-छोटी बातों पे। मान भी जाती है वो, एक मुस्कराहट पे। रूठ जाती है जो, छोटी-छोटी बातों पे। मान भी जाती है वो, एक मुस्कराहट पे।
नजाकत झलकती है उसके चलने बोलने हर अदा से वो हकीकत थी या किसी शायर का नज्म मिल गया नजाकत झलकती है उसके चलने बोलने हर अदा से वो हकीकत थी या किसी शायर का नज्म मिल...
मिलने की चाहत रोज होती है उनसे पर राहों में गैरों का पहरा है, मिलने की चाहत रोज होती है उनसे पर राहों में गैरों का पहरा है,
दिल, दिमाग किसी कि धरोहर नहीं, अंदाज न था ! दिल, दिमाग किसी कि धरोहर नहीं, अंदाज न था !
दिल की बातों में कश्मकश तो होती ही है, कभी हां कभी न की उलझन तो होती ही है। दिल की बातों में कश्मकश तो होती ही है, कभी हां कभी न की उलझन तो होती ही है।
हया का चिलमन हटा लूँ तो पहर आगे बढ़े। हया का चिलमन हटा लूँ तो पहर आगे बढ़े।