कश्मकश
कश्मकश
दिल की बातों में कश्मकश तो होती ही है,
कभी हां कभी न की उलझन तो होती ही है।
दिल की दीवारों पर कुछ दस्तक सी होती है।
हर आहट पर धड़कन और तेज़ सी होती है।
उसकी रूह की खुशबू जब ज़हन में उतरती है।
सारी दुनिया मुझे महकती हुई सी लगती है।
बातों की नज़ाकत एक कहानी सी लगती है।
मेरा नाम जब आता है वो अपनी सी लगती है।
सोच में डूबा हूं जाने कैसे दिल की बात होती है।
सपनों में ही सही रोज़ मुलाकात तो होती है।
दिल की बातों में कश्मकश तो होती ही है,
कभी हां कभी न की उलझन तो होती ही है।