मैं और तुम
मैं और तुम
मैं नहीं, तुम नहीं
जीवन में कुछ नहीं।
करता रहता हूँ हर वक़्त
तन्हाई कुछ और नहीं।
चुना हुआ हूँ यादों में
धुंध के साये और नहीं।
मिट्टी में घुलती आदि अनंत
वर्तमान सजीव नहीं।
मैं नहीं, तुम नहीं,
जीवन में कुछ नहीं।
मैं नहीं, तुम नहीं
जीवन में कुछ नहीं।
करता रहता हूँ हर वक़्त
तन्हाई कुछ और नहीं।
चुना हुआ हूँ यादों में
धुंध के साये और नहीं।
मिट्टी में घुलती आदि अनंत
वर्तमान सजीव नहीं।
मैं नहीं, तुम नहीं,
जीवन में कुछ नहीं।