हर आदमी फिर जीते जी रोज-रोज थोड़ा मरता है ! हर आदमी फिर जीते जी रोज-रोज थोड़ा मरता है !
निर्देश संयम से अपनाएं, लाक डाउन खात्मे से पूर्व कोरोना होगा बेअसर। निर्देश संयम से अपनाएं, लाक डाउन खात्मे से पूर्व कोरोना होगा बेअसर।
जल, प्रकृति और पर्यावरण इस धरा को सुंदर, सजीव बनाते हैं जल, प्रकृति और पर्यावरण इस धरा को सुंदर, सजीव बनाते हैं
प्रकृति प्रातः सजीव जैसे होती है क्यों न बीते को भूल आगे को बढ़ चले। प्रकृति प्रातः सजीव जैसे होती है क्यों न बीते को भूल आगे को बढ़ चले।
जब मयूर नाच दिखाता है तब अनुराग की बेला होती है। जब मयूर नाच दिखाता है तब अनुराग की बेला होती है।
चाहे जितने सितारे टूटे नभ कभी नहीं झुकता चाहे जितने सितारे टूटे नभ कभी नहीं झुकता