कुमार का है संकल्प यही कि नदिया को सागर में मिलना होगा। कुमार का है संकल्प यही कि नदिया को सागर में मिलना होगा।
नीरस मन हो उठते आनंदित नीरस मन हो उठते आनंदित
हाँ आज तन , मन, दोनो से मुक्त हूँ, अब मैं सिर्फ रिक्त हूँ। हाँ आज तन , मन, दोनो से मुक्त हूँ, अब मैं सिर्फ रिक्त हूँ।
जिनको सताया उनसे ही उद्धार हो गया। जिनको सताया उनसे ही उद्धार हो गया।
चाहे जितने सितारे टूटे नभ कभी नहीं झुकता चाहे जितने सितारे टूटे नभ कभी नहीं झुकता
प्रेम के सान्निध्य में संपूर्ण बहकर रिक्त स्थान यथार्थ रूप से भर दो , प्रेम के सान्निध्य में संपूर्ण बहकर रिक्त स्थान यथार्थ रूप से भर दो ,