STORYMIRROR

Swarna Jyothi

Others

4  

Swarna Jyothi

Others

खारे पानी से

खारे पानी से

1 min
363

इतना न बहो कि 

रिक्त हो जाए 

खारे पानी से लोचन

थम जाओ कहीं 

शर्मिंदा न हो जाए 

मेघों से भरा ये गगन


सुख-दुःख की कौन 

जाने क्या है परिभाषा

भविष्य हमारा है होनी 

है यही जीवन आशा


गुलाब करता है राज

काँटों का ही पहन ताज

होगी हमारी ही जीत 

लहू बहाओ, स्वेद बना आज


चाहे जितने सितारे टूटे

नभ कभी नहीं झुकता

चाहे जितना भार धरो

धरा कभी नहीं थकती


फिर तुम तो हो 

उसकी सजीव कृति

क्यों करते हो बात 

मायूस होकर मिटने की


इतना न बहो कि 

रिक्त हो जाए 

खारे पानी से लोचन



Rate this content
Log in