STORYMIRROR

Swarna Jyothi

Abstract

4  

Swarna Jyothi

Abstract

मेरा स्वभाव

मेरा स्वभाव

1 min
360

मुस्कुरा कर मिला करो मुझसे

कि कभी शालीन तो कभी ज़िद्दी हूँ 


सब अलग नजरिए से देखे मुझको

कि कभी हँसमुख तो कभी तुनकमिजाजी हूँ 


जैसी जिसकी सोच वैसा ढाल ले मुझको

कि कभी खुश तो कभी नाखुश हूँ


रिश्तों की खूब पहचान है मुझको

कि कभी हक़ीकत तो कभी ख्वाब हूँ 


अपनी ही शर्तों पर कसती हूँ सबको

कि कभी लचीली तो कभी कठोर हूँ


कदम से कदम मिलाकर चलूँ सबके 

कभी साथ दूँ तो कभी दगा देती हूँ

मैं ज़िंदगी हूँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract