मेरा स्वभाव
मेरा स्वभाव
मुस्कुरा कर मिला करो मुझसे
कि कभी शालीन तो कभी ज़िद्दी हूँ
सब अलग नजरिए से देखे मुझको
कि कभी हँसमुख तो कभी तुनकमिजाजी हूँ
जैसी जिसकी सोच वैसा ढाल ले मुझको
कि कभी खुश तो कभी नाखुश हूँ
रिश्तों की खूब पहचान है मुझको
कि कभी हक़ीकत तो कभी ख्वाब हूँ
अपनी ही शर्तों पर कसती हूँ सबको
कि कभी लचीली तो कभी कठोर हूँ
कदम से कदम मिलाकर चलूँ सबके
कभी साथ दूँ तो कभी दगा देती हूँ
मैं ज़िंदगी हूँ।
