हर दिशा मे विषाद है, हर शब्द ही विषाक्त है. हर दिशा मे विषाद है, हर शब्द ही विषाक्त है.
भूखे पेटों को और कुछ नहीं सूझता । भूखे पेटों को और कुछ नहीं सूझता ।
भव सागर और ज्ञान सागर एक हो जाए और प्यासी नदिया उसमें डूब जाएतब विचारना क्या कोई संशोधन अब भी बाकी ह... भव सागर और ज्ञान सागर एक हो जाए और प्यासी नदिया उसमें डूब जाएतब विचारना क्या कोई...
शायद आजकल के नेताओं को रेप पर भी राजनीति करना आ गया।। शायद आजकल के नेताओं को रेप पर भी राजनीति करना आ गया।।
तुम यथार्थ या तेरी परछाई तुम से सच्ची है ये मौन तपस्या मेरी कैसी है तुम तक ही जाना तुम से ही मिल... तुम यथार्थ या तेरी परछाई तुम से सच्ची है ये मौन तपस्या मेरी कैसी है तुम तक ही...
कल्पना कोई भी हो कभी कोरी नहीं होती है बीज के बिना भी कहीं तरूवर की उत्पत्ति होती है कल्पना कोई भी हो कभी कोरी नहीं होती है बीज के बिना भी कहीं तरूवर की उत्...