कल्पना कोई भी हो कभी कोरी नहीं होती है बीज के बिना भी कहीं तरूवर की उत्पत्ति होती है कल्पना कोई भी हो कभी कोरी नहीं होती है बीज के बिना भी कहीं तरूवर की उत्...
कोरोना तूने कैसा कोहराम है मचाया, पूरी दुनिया को बर्बादी के कगार पर खड़ा है किया, कोरोना तूने कैसा कोहराम है मचाया, पूरी दुनिया को बर्बादी के कगार पर खड़ा है ...
जब पति या सन्तान उसको नही समझ पाते है तब नारी कमजोर हो जाती है। जब पति या सन्तान उसको नही समझ पाते है तब नारी कमजोर हो जाती है।
उत्पत्ति हुई संस्कृत से,पाली है ननिहाल। कभी प्राकृत कहलाती, रही अपभ्रंश ढाल। उत्पत्ति हुई संस्कृत से,पाली है ननिहाल। कभी प्राकृत कहलाती, रही अपभ्रंश ढाल।