STORYMIRROR

Jai Singh(Jai)

Inspirational

3  

Jai Singh(Jai)

Inspirational

"हिन्दी हम सबकी लाज "।

"हिन्दी हम सबकी लाज "।

1 min
178

उत्पत्ति हुई संस्कृत से,पाली है ननिहाल।

कभी प्राकृत कहलाती, रही अपभ्रंश ढाल।

रही अपभ्रंश ढाल, अवहट्ट है हिन्द ताज।

हिन्द से हिंदुस्तान ,हिन्दी हम सबकी लाज।

कह 'जय' करो सम्मान,बचाओ अपनी संस्कृति। 

समा कर इन सबको, संभाल लें हम उत्पत्ति।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational