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Jai Singh(Jai)

Abstract

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Jai Singh(Jai)

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" भीम ने राखी बांधी "

" भीम ने राखी बांधी "

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राखी के त्यौहार पर ,बहनें करती चाव

हक अधिकारों के बिना,सहन करें थी घाव

सहन करें थी घाव,भीम ने मान बढाया

किया न्याय हर नार,कोड बिल हिन्दू लाया

देकर हक अधिकार,लाज जब उनकी राखी

पहन रही अब ताज,भीम ने बांधी राखी।


         


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