" पटाखे हम न चलाएं "
" पटाखे हम न चलाएं "
जगमग जगमग हो रही, अमावस्या की रात
देख सभी हर्षित हुए , करें ज्ञान की बात
करें ज्ञान की बात, पटाखे हम न चलाएं
मिटे प्रदूषण शोर, जीव भी ना घबराएं
लेकर करुणा शील, प्रज्ञा से भर लो डगडग
खिले अंतस् प्रकाश, देखकर जगमग जगमग