वक़्त गुज़रता गया
वक़्त गुज़रता गया
वक़्त गुज़रता गया और हमारे
बीच दुरियाँ भी बढ़ती गई
दिल का ज़ख़्म गहरा हुआ
और यादें नासूर सी बनती गई
तू हँसते हुए छोड़ गया मेरी
साँसें तिनका तिनका बिखर रही
तेरी बातों से दिल बिलख उठा
और धड़कन भी रुक सी गई
ख़ुशी का वादा था किया और
तोहफ़े में दे गया तू तन्हाई
बदलते मौसम के साथ तू
बदल गया मैं वही पर ठहरी रह गई।