कभी कभी
कभी कभी
कोई मुझसे मुंह मोड़ लेता है।
छोड़ देता है मुस्कान की परछाई।
कुछ अपनी यादे छोड़ देता है प्यार की राहों में।
कभी जुदा होते हुए बन जाता है हरजाई।
एहसास होता हैं जब दूर जाता हैं नजरों से।
नहीं मिल पाते हैं किसी के बहाने से।
बंध जाते हैं उन रस्सियों से पैर,
वो टूटने की नाम नहीं लेती हैं।
उदास होती हैं ये मासूम सी जिंदगी
किसी के नाम पर, वो भी सलाह मांगती है।
होता हैं ऐसी उदासी भरा चेहरा किसी के नाम से।
वो तो पा जाता हैं अपनी मंजिल और ऊंची दीवार।
हम तो तन्हा ही रोते हैं उसके चले जाने पर।
क्या करते भी उसको याद करके, जो टूट गया मेरा प्यार।
झांक कर देखते हैं दिल के दरवाजे से।
कोई नहीं मिलता दर्द होने पर।
सब तो पराए हो जाते है इन्हीं राहों में
पर क्या करें हम भी तो जुड़ गए हैं, मोह होने पर।