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Jalpa lalani 'Zoya'

Romance

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Jalpa lalani 'Zoya'

Romance

ज़ुल्फ़ का साया

ज़ुल्फ़ का साया

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ये हाल  मेरे दिल का  बताया नहीं  जाता,

ये इश्क़ है  इसको यूँ जताया  नहीं जाता।


इस रूह-ए-सफ़ा पे लिखा है नाम तेरा ही,

ये राज़ किसी को भी दिखाया नहीं जाता।


करके  यूँ ही  अक्सर कई है  तोड़ते  वादें,

ऐसे  ही यूँ हर  वादा निभाया  नहीं जाता।


दांतों  से  तिरे  सुर्ख  लबों  को  यूँ  दबाना,

महबूब  को  ऐसे  ही  सताया  नहीं जाता।


रुख पे हवा के झोंके से बालों का यूँ गिरना,

आँखों से तिरी ज़ुल्फ़ का साया नहीं जाता।

26th November 2021 / Poem 48


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