जी करे जब भी तुम पास आया करो
जी करे जब भी तुम पास आया करो
जी करे जब भी तुम पास आया करो
सेज उल्फ़त से मेरी सजाया करो
जब भी तन्हाई आकर के घेरे मुझे
पास आकर गले से लगाया करो
मेरा दामन खुला है तुम्हारे लिए
तुम कभी तो आ इसमें समाया करो
जी मचलता है चूमूँ तेरा गुलबदन
रूबरू होके ज़न्नत दिखाया करो
हम तो तेरे हैं 'माही' सदा के लिए
अब न हरदम हमें आज़माया करो।