हम तो तेरे हैं 'माही' सदा के लिए अब न हरदम हमें आज़माया करो। हम तो तेरे हैं 'माही' सदा के लिए अब न हरदम हमें आज़माया करो।
इंसानियत अब नज़र नहीं आती आज अपनी हिफाज़त ही दे दे ! इंसानियत अब नज़र नहीं आती आज अपनी हिफाज़त ही दे दे !