☀️ *मेरे देश के सैनिक* ☀️
☀️ *मेरे देश के सैनिक* ☀️
🎊🎋📝 *मेरी कलम से*📝🎋🎊🍁
हे भाई मेरे, तेरी वीरकथा, मै कैसे लिखूँ, और कैसे कहूँ।
जो करके गया वो अद्भुत था, वो कलमों में बंध सकता नही।।
हे भाई मेरे, तेरी वीरकथा, मै कैसे लिखूँ, और कैसे कहूँ।
मै सोता रहा, तू लड़ता रहा, हम सबके लिए तू फना हुआ।।
तू देशप्रेम का शीर्ष बिंदु, देशप्रेम में लिप्त रहा।
सरहद को घरौंदा समझ सदा, तू इसकी हिफाजत करता रहा।।
देशप्रेम का दरिया सीने में, लेकरके सदा इठलाता रहा।
सरहद पर दुश्मन टिका नही, जब पहरे पर था भाई मेरा।।
नायक था तू असली में, सब शत शत नमन तुझे करते।
तेरा शौर्य सदा गर्वित करता, दुश्मन के हृदय शिथिल हुए।
इस राम कृष्ण की धरती की, हनुमान सी रक्षा करता रहा।
तेरा प्रेम सदा सर्वोच्च रहा, तू देश हितों में मिटता रहा।।
ये वीरगति येरी व्यर्थ नही, दुश्मन का कलेजा फटता है।
वो डरतें हैं इस धरती से, यहाँ बलिदानी की कमी नहीं।।
तू सन्यासी सा अडिग रहा, भारत भूमि की भक्ति में।
खुद देश हितों में अर्पित हो, तुमसा ना कोई अनमोल हुआ।