हनुमत प्रार्थना
हनुमत प्रार्थना
मै मूरख अति अधम नीच, नहीं तेरे लायक हूँ बाबा।
तेरे दर्शन को लालायित, प्रति माह तेरे दर पर आता।।
बस श्री चरणों का अभिलाषी हूँ, इन चरणों से मत दूर करो।
रहूँ सदा श्री चरणों में, प्रभु मति मेरी ऐसी कर दो।।
प्रभु प्रेम अगर होता है कुछ, तो बस केवल तुझसे ही हो।
और नाते होते हैं कुछ भी, तो बस केवल तुझसे ही हो।।
ये ठाठ बाट और धन वैभव, गुमराह नही कर सकते मुझे।
ये चंद क्षणिक सुख क्षुधापूर्ति, भटका नहीं सकते मुझको।।
हे हनुमान हे दयानिधान, हे संकटमोचन शौर्यवान।
हे रामदूत हे पवनतनय, हे दुखभंजन मारुतिनंदन।।
हे मेरे गुरुर मेरे अहंकार, हे मेरे नैनों के सरताज।
तेरा आवाहन करता हूँ, सुनले तू मेरी करुन पुकार।।
मै दास तुम्हारा हूँ प्रभु जी, तुम ही मेरे निर्णायक हो।
बस यही कामना है प्रभु जी, सेवा चरणों की दे दो।।
प्रभु जिनको हो विस्वास तेरा, उनकी नैया को पार करो।
भगति विमल देकर प्रभु जी, हम भगतों का उद्धार करो।।