चाँद और चांदनी की तरह दो प्रेमी भी अधूरे हैं एक दूजे बिना चाँद और चांदनी की तरह दो प्रेमी भी अधूरे हैं एक दूजे बिना
हम चांदनी रात करें आओ नई शुरुआत करें। हम चांदनी रात करें आओ नई शुरुआत करें।
अपनी दासता की कैद से अब तो मुक्त हो जाने दो। अपनी दासता की कैद से अब तो मुक्त हो जाने दो।
जब भी सोचती हूँ और विश्वास उठ जाता है...! जब भी सोचती हूँ और विश्वास उठ जाता है...!
सहस्त्र किरणों की आभा समाई घने तिमिरों पर भी है मात कराती। सहस्त्र किरणों की आभा समाई घने तिमिरों पर भी है मात कराती।
बैरी चन्दा गगन में घटता-बढ़ता तुम बिन दिन-रात हुए अमावस मेरे। बैरी चन्दा गगन में घटता-बढ़ता तुम बिन दिन-रात हुए अमावस मेरे।