बहुत असहाय, बहुत छोटे हो जाते हैं हम रह जाते हैं हाथ बांधे टूट जाता है भ्रम, बहुत असहाय, बहुत छोटे हो जाते हैं हम रह जाते हैं हाथ बांधे टूट जाता...
तुम इस रेप पर लगाम, लगाआगे कब ? इन दरिंदों को फ़ांसी पर, लटकाओगे कब ? तुम इस रेप पर लगाम, लगाआगे कब ? इन दरिंदों को फ़ांसी पर, लटकाओगे कब ?
जब भी सोचती हूँ और विश्वास उठ जाता है...! जब भी सोचती हूँ और विश्वास उठ जाता है...!
शक्ति प्रदर्शन के खेल-खेले में यह लिखी कौन-सी तस्वीर आजादी है। शक्ति प्रदर्शन के खेल-खेले में यह लिखी कौन-सी तस्वीर आजादी है।
चांद के आगोश में रात जब सोती है तब बड़ी सुहानी, मधुर, सरस होती है। चांद के आगोश में रात जब सोती है तब बड़ी सुहानी, मधुर, सरस होती है।
जब से जाना है जमाने के दांव पेच न कोई अजनबी लगता है न कोई लगता अनजाना। जब से जाना है जमाने के दांव पेच न कोई अजनबी लगता है न कोई लगता अनजाना।