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Priyanka Singh Rajput

Romance

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Priyanka Singh Rajput

Romance

प्रियतम

प्रियतम

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कैसे जी पाते हैं

वो अपने प्रियतम

के बिना,

कोई चाँद से पूछे

कितना तन्हा है

चाँदनी के बिना,

जब होता है फ़लक पर

चाँद और चाँदनी का संगम

तो प्रियतम याद आते हो तुम

मुझे हर-पल हर-दम,

जब जुदा होती है

चाँद से उसकी चाँदनी

तब ए प्रियतम

अंधियारी सी लगती है

मेरी जिन्दगी,

तड़पता है दिल

रोता है दिल

अमावस्या में चंदा जैसे,

ठीक उसी तरह तेरे बिना

प्रियतम अधूरी हूँ मैं

हर-पल हर लम्हा !


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