वो जो बीता ..
वो जो बीता ..
वो जो बीता ...सब सुन्दर था ....
तुम सुन्दर थी ...मैं सुन्दर था ....
सुन्दर था संसार सुहाना ...
रोते आना ..हँसते जाना !
फुल बाजू के बटन खोल कर ,
उनको फिर से हाफ बनाना !!
कॉपी के पीछे... छुप छुप कर ,
मेरा... अपना चित्र बनाना !!
अपने नाम के आगे ....
मेरे नाम को लिखना ...और मिटाना !!
अपनी छत की सीढ़ी चढ़ कर ...
मुझे देख कर मुँह बिचकाना ...
वो जो बीता ..सब अच्छा था ,
तुम अच्छी थी मैं अच्छा था !
वो जो बीता था ..सब सुन्दर था ...
तुम सुन्दर थी ...मैं सुन्दर था !!
याद आ गई ...आज तुम्हारी ...
पता नहीं तुम कहाँ खो गई ?
केवल प्यारी यादें बाकी ..
बाकी सारी ...बात खो गई ...
कृष्ण खड़े के खड़े रह गए ...
राधा जाने कहाँ खो गई ?
शायद तुम बदला लेती हो ..
मुझसे अपनी उसी भूल का ..
जब मैं चुपके से उठ भागा ..
तनहाई में तुम्हे छोड़ कर ..
रोई होगी ...मुझे न पाकर ..
खोजा होगा दौड़ दौड़ कर ..
पर मैं निष्ठुर ..भाग गया था !
बीच भंवर में तुम्हें छोड़ कर !!
आज पुरानी कापी खोली ...
देख के दिल हैरान हो गया !
लिखा हजारों बार तुम्हारा नाम ...
तभी बदनाम हो गया !!
अब किस मुख
माँगू तुमसे क्षमा ....
तुम्हीं बतलाओ अब ?
तेज धूप में उड़ता पंछी ...
प्यास से जब बेहाल हो गया !
केवल प्रेम नहीं काफी है ...
इस जीवन की उलझन में ...
और भी कुछ बाकी है ...
पाने को ...नीरव वन में ...
सोचा था कुछ हासिल होगा ...
तब तुमसे परिणय होगा ...
नहीं पता था ...सब कुछ पाकर ..
असफलता से परिचय होगा !
अब सब कुछ है ...पास मेरे पर ...
तुम हो मुझसे दूर खड़ी ...
शायद तुम बदला लेती हो ...
तोड़ प्रेम की वृहद् लड़ी !!
वो जो बीता सब अच्छा था ..
तुम पक्की थी ..मैं कच्चा था ...
वो जो बीता सब सुन्दर था ...
तुम सुन्दर थी ..मैं सुन्दर था !!