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Archana Verma

Romance

4  

Archana Verma

Romance

बात

बात

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बिन बोले, हर बात मैं समझ जाऊं,

ऐसा तो हर बार नहीं....

तुम कुछ बोलो,

हर बार बहस हो, ऐसा तो हर बार नहीं....

तुम हो? लेकिन यह अहसास नहीं 

तुम सच में हो, शायद ख़बर मुझे ही नहीं....

तुम भी खास हो, मैं भी खास हूँ,

पर यह अहसास हमें ही नहीं.....

तुम कुछ बोलो, कुछ मैं बोलू 

तुम अपनी बात कह लो, मैं अपने मन की बोलू....

तुम मेरी सुनो, मैं तुम्हारी सुनू 

काश ! ऐसा हो एक बार ही सही....

मैं तुम्हारी मंजिल हूँ, तुम मेरी राह हो 

बस ! इस बात की ख़बर हमें ही नहीं....

समझते तुम भी हो, समझती मैं भी हूँ,

बस इस बात का इजहार नहीं....

कुछ तुम बोलो....

कुछ मैं बोलू....





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