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Arun Tripathi

Romance

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Arun Tripathi

Romance

मैं नाराज हूँ

मैं नाराज हूँ

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तुमने कहा और नहीं आये ....

तुमने वादे किए पर न निभाये

क्यों कहा ...जो नहीं कर सके ?

मैं नाराज हूँ....!

रात के बिस्तर की सिलवटों में ....

सुबह की चाय की खुशबू में ....

खिलते फूलों की महक में ....

चिड़ियों के कलरव में ....

तुम्हें देखती रही ....

पर ...तुम नहीं आये !!

मैं नाराज हूँ ....!!

मैं नाराज हूँ.....तुम्हारी उदासीनता पर !

मैं नाराज हूँ.....तुम्हारी वितृष्णा पर !

मैं नाराज हूँ.....तुम्हारी वादा खिलाफी पर !

याद है ...तुम जब पहली बार मिले थे ...?

याद है ...तुमने जो पहला उपहार दिया था ...?

याद है ...तुमने जो पहला झगड़ा किया था ....?

फिर भी ....

उस सूखे गुलाब में ....

तुम्हारे उस पहले उपहार में ....

तुम्हारी उस पहली मुलाकात की याद में ....

तुम्हें देखती रही ......

पर तुम नहीं आये !

तुमने कहा ...पर नहीं आये !!

मैं नाराज हूँ .....!!

उगते सूरज को देखते देखते ....

पूनम के चाँद की ...परछाई में ....

किसी होने वाली आहट में .....

सदियों की प्रतीक्षा में ....

मैं अनवरत तुम्हारी राह देखती रही ....

पर ..तुम नहीं आये !!!

तुमने वादा किया ...

पर नहीं आये ...

मैं नाराज हूँ......मैं नाराज हूँ !!!



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