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अशोक जोशी

Abstract Romance

3.6  

अशोक जोशी

Abstract Romance

यादों का साया

यादों का साया

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पीछा नहीं छोड़ता,

तेरी यादों का साया,

दर्द बनकर उभरता है,

भूलना चाहता हूँ,

उन पलों को,

मगर भूल नहीं पाता हूँ,

घर करके बैठा है,

मेरे दिलो दिमाग पर,

तेरी यादों का साया,

साथ नहीं छोड़ता है,,,



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