STORYMIRROR

अशोक जोशी

Abstract Romance

3  

अशोक जोशी

Abstract Romance

बरसने के अंदाज़

बरसने के अंदाज़

1 min
118

फ़िदा थे हम उनके,

बरसने के अंदाज़ पर,

उनका गुस्सा भी होता था,

बरसात की तरह,

कभी झमाझम तो,

कभी मद्दम मद्दम,

उनकी चुप्पी होती थी, 

बड़ी खतरनाक,

डरावनी बरसात होगी,

मिल जाता था संकेत,,,



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract