कसक
कसक
मिलने की चाहत तो है,
पर मुलाकात नहीं होती,
जुंबा खुलतीं भी है,
पर बात नहीं होती,
दिख जाए कहीं दूर खड़े,
तो दिल को राहत मिलती है,
कसक इस बात की है,
वो हमें देखकर मुंह फेर लेती है।
मिलने की चाहत तो है,
पर मुलाकात नहीं होती,
जुंबा खुलतीं भी है,
पर बात नहीं होती,
दिख जाए कहीं दूर खड़े,
तो दिल को राहत मिलती है,
कसक इस बात की है,
वो हमें देखकर मुंह फेर लेती है।