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Kusum Joshi

Abstract

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Kusum Joshi

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देवभूमि उत्तराखंड

देवभूमि उत्तराखंड

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ये उत्तराखंड है,

ऊंचे हिमालय की चोटी से,

गंगा की लहरों में बहता,

ये उत्तराखंड है।


नन्दादेवी पंचाचूली चोटी ढकी बर्फ से सुन्दर,

गंगोत्री यमुनोत्री भी पिंडारी है यहाँ ग्लेशियर,

यहीं से निकली गंगा यमुना पञ्च प्रयाग यहीं है,

धरती है ये पुरा पुरातन मानस खंड यहीं है,

ये उत्तराखंड है।


चीड़ और देवदार के वन हैं लाल बुरांस यहीं पर,

बांज बांस चिनार यहाँ है ब्रह्मकमल यही पर,

ये कस्तूरी मृग की धरती है जीव यहाँ कई सारे,

पक्षी भी कई विविध यहाँ पर फूल बड़े ही प्यारे,

ये उत्तराखंड है।


नैनीताल सी घाटी इसमें मसूरी सी वादी,

हरिद्वार सा तीर्थ यहां है नदियां कई इठलाती,

ऋषिकेश सी पावन भूमि नीलकंठ यहीं है,

शिव का है कैलाश यहां और बद्रीनाथ यहीं है,

ये उत्तराखंड है।


देवभूमि कहलाती है ये धर्म यहां है बसता,

प्रकृति की छटा मनोहर कि हर जोगी का मन रमता,

अल्मोड़ा कौसानी इसमें रानीखेत यहीं है,

गर्व हमारा है ये धरती अपना स्वर्ग यहीं है,

ये उत्तराखंड है।।


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